संशाेधित मोटर वाहन कानून लागू होने के बाद अगर कोई बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ता है तो उसे सुधारने के लिए सजा के ताैर पर सामुदायिक सेवा का काम सौंपा जा सकता है। परिवहन मंत्रालय ने सामुदायिक सेवा का कानून बनाया है और इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब संबंधित अथाॅरिटी और ट्रैफिक पुलिस भी नियमाें की अनदेखी करने वालों को ऐसी सजा दे सकती है। देश में आैसतन सालाना करीब 8 करोड़ चालान होते हैं। कई चालक एक चालान भरने के बाद ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं लेकिन कुछ लाेग इसके बाद भी ट्रैफिक नियमों के प्रति गंभीर नहीं होते। इन्हें सुधारने मंत्रालय ने सामुदायिक सेवा का कानून बनाया है। इस तरह हो सकती है सामुदायिक सेवा चौराहे पर नियमों का पालन करवाना। वृद्धाश्रम में जाकर सेवा करना। गरीब बच्चों को पढ़ाना। नशे के खिलाफ जागरूकता लाना। समाज सुधार कार्याें में शामिल होना। घर-घर जाकर लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करना। धार्मिक स्थलों में जाकर सेवा करना। इन श्रेणियाें में हाेते हैं सबसे अधिक चालान : खतरनाक ड्राइविंग, बिना लाइसेंस, ओवर स्पीड, बिना हेमलेट, उल्टी दिशा में गाड़ी चलाने की श्रेणियाें में सबसे अधिक चालान हाेते हैं। देश में साल में औसतन 8 करोड़ के करीब चालान कटते हैं। 90% लोग चालान जमा कर देते हैं।