बसपा सुप्रीमों मायावती ने विधानसभा उपचुनाव से पहले पूर्व विधायक रामप्रकाश कुशवाहा और पूर्व महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र कुशवाहा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। मायावती के इस फैसले से कानपुर में हड़कंप मच गया है। दोनों दिग्गज नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा है। जिलाअध्यक्ष रामशंकर कुरील ने प्रेसनोट जारी कर इसकी सूचना दी है। पूर्व विधायक रामप्रकाश कुशवाहा और पूर्व महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र कुशवाहा कानपुर नगर की रीढ की हड्डी माने जाते थे। पूर्व विधायक रामप्रकाश कुशवाहा लगभग 17 वर्षो से पार्टी में सक्रीय भूमिका निभा रहे थे। कुशवाहा को बसपा ने 2007 में घाटमपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था। आर पी कुशवाहा ने बड़े अंतराल से जीत दर्ज की थी। इसके बाद बसपा सुप्रीमों ने उन्हें 2012 में बिठूर विधानसभा सीट से टिकट दी थी। लेकिन आर पी कुशवाहा चुनाव हार गए थे। इसके बाद मायावती ने आर पी कुशवाहा पर 2017 में एक बार फिर से भरोसा जताया था। लेकिन वो 2017 का भी चुनाव हार गए थे। जानकारी के मुताबिक आरपी कुशवाहा और पूर्व महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र कुशवाहा विपक्षी पार्टी के नेताओं के संपर्क में थे। इसके साथ ही पार्टी के सीक्रेट योजनाओं की जानकारी अन्य दलों से साझा कर रहे थे। नगर कमेटी द्वारा इसकी शिकायत बसपा सुप्रीमों से की गई थी। इसकी जांच कराने के बाद मायावती ने दोनों नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया है।