भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस महीने प्रस्तावित तुर्की दौरा रद्द कर दिया है। यह फैसला कश्मीर मुद्दे पर तुर्की के रुख को देखते हुए लिया गया है। दरअसल, 24 सितंबर को तुर्की के राष्ट्रपति रेजेप तैय्यप एर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दा उठाने का समर्थन किया था। एर्दोआन ने कहा था कि न्याय और बातचीत के जरिए समस्या को हल किया जाना चाहिए, न कि टकराव से। दक्षिण एशिया की स्थिरता और समृद्धि को कश्मीर के मुद्दे से अलग नहीं किया जा सकता है। वहीं, टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगाने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) में भी तुर्की, मलेशिया और चीन के साथ पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा था। कश्मीर भारत का आंतरिक मामला: रवीश कुमार महासभा में कश्मीर पर तुर्की के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है। दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंध रहे हैं। लेकिन, तुर्की की ओर से भारत के खिलाफ बयान आना तथ्यात्मक रूप से गलत है। हम तुर्की सरकार से कहेंगे कि वह कोई भी बयान देने से पहले जमीनी हकीकत को समझ ले।