पाकिस्तान और भारत के बीच माहौल फिर गर्म हो गया है। इस्लामाबाद के शासन-प्रशासन और राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि भारत की नीलम घाटी में कार्रवाई से पाकिस्तान को हाल के दिनों का सबसे बड़ा नुकसान पहुंचा है। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि भारत के हमले में उसके 9 नागरिक और एक सैनिक मारा गया। हालांकि, इस ताजा घटनाक्रम से इमरान सरकार को ऑक्सीजन मिल गई है। दरअसल, 27 अक्टूबर को विपक्षी दल इस्लामाबाद में 10 लाख लोगों के साथ इमरान खान का घेराव करने वाले हैं। यह इमरान सरकार के खिलाफ अब तक के सबसे बड़े प्रदर्शन की तैयारी है। इसमें विपक्षी दल जैसे नवाज शरीफ की पीएमएल एन, जरदारी की पीपीपी और मौलाना फजलू रहमान की जमीयत उलेमा इस्लाम जैसे दल हैं। इनका मानना है कि इमरान ने खुफिया तंत्र की मदद से वोट चुराए और सरकार बनाने में कामयाब रहे। पाकिस्तान प्रशासन के विश्वस्त सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इमरान खान और उनकी कैबिनेट इस होने वाले प्रदर्शन से काफी डरे हुए हैं। वे पिछले दरवाजे से विपक्ष के नेताओं को मनाने का प्रयास भी कर रहे हैं। भारत की जवाबी कार्रवाई के कारण पाकिस्तान की आवाम और मीडिया का ध्यान आजादी मार्च से हटकर हिंदुस्तान-पाकिस्तान और पीओके पर शिफ्ट हो गया है। विपक्ष को मार्च रोक देना चाहिए इमरान खान की पार्टी के गढ़ खैबर पख्तूनख्वाह के सूचना और प्रसारण मंत्री शौकत युसूफजई ने इस जुलूस में शामिल होने वाली पार्टियों और कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया है कि ये सब मिलकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। भास्कर से फोन पर हुई बात पर उन्होंने कहा कि विपक्ष को तत्काल मार्च रोक देना चाहिए, क्योंकि सीमा पर दुश्मन हावी है। कुपवाड़ा में पाकिस्तान ने भारतीय घरों को नुकसान पहुंचाया तंगधार के एसएचओ वसीम ने बताया कि पाकिस्तान सेना ने 14 घंटे तक गोलीबारी की। इसमें सीमा से सटे गांव घुंडीशत, इबकोट, चमकोट, चित्राकूट के 50 घरों को नुकसान पहुंचा। एक नागरिक मारा गया।