उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा ने रामपुर उपचुनाव में आजम खां और सपा को शिकस्त देने के लिए पूरी ताकत झोंक देने के बाद भी फंसती नजर आ रही है। लोकसभा चुनाव के बाद से ही आजम पर मुकदमें दर्ज किए जाने का सिलसिला शुरू हो गया था। 80 से अधिक मुकदमें दर्ज होने के बाद भी आजम ने कहा था कि वह अभी टूटे नहीं हैं। रामपुर विधानसभा की मतगणना चल रही है और उनकी पत्नी तंजीन फातिमा ने भाजपा उम्मीदवार से निर्णायक बढ़त बना ली है। अभी तक की हुई वोटों की गिनती के बाद सपा सांसद आज़म खान की पत्नी और रामपुर से सपा की कैंडिडेट डॉ तज़ीन फातिमा 16 हजार से ज्यादा वोटों से आगे चल रही हैं। विधानसभा के चुनाव में इतने वोटों की लीड उम्मीदवार को जीत के काफी करीब पहुंचा देती है। लिहाजा लगता है कि आजम खान सरकार की लाख कोशिश के बावजूद अपना किला बचाने में कामयाब हो जाएंगे। भाजपा के भारत भूषण गुप्ता काफी पीछे चल रहे हैं। आजम के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमों ने जुटाई सहानुभूति इस बार के उपचुनाव से पहले 11 सीटों में से रामपुर ही सबसे ज्यादा चर्चित रही। आज़म खान पर दर्जनों मुकदमें दर्ज किए गए। हालांकि इसकी वजह से आज़म को चुनाव प्रचार में सहानुभूति बटोरने का पूरा मौका मिल गया। इन सीटों पर हुए चुनाव गंगोह, रामपुर, इगलास सुरक्षित, लखनऊ कैंट, गोविंदनगर, मानिकपुर, प्रतापगढ, जैदपुर सुरक्षित, जलालपुर, बलहा सुरक्षित और घोसी सीट पर उप चुनाव हो रहा है। 2017 के चुनाव में रामपुर में सपा, जलालपुर सीट पर बसपा व प्रतापगढ़ पर अपना दल को छोड़कर बाकी आठ सीटों पर भाजपा का कब्जा था। यह सीटें लोकसभा चुनाव में विधायकों के सांसद बनने के बाद खाली हुई थीं। रामपुर सीट पर सबकी नजर रामपुर व जलालपुर सीट पर मतगणना के दौरान सबकी निगाहें होंगी। आजम खान के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई रामपुर सीट से सपा ने उनकी पत्नी तंजीन फातिमा को मैदान में उतारा था।