भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने के सरकार के फैसले से राकांपा प्रमुख शरद पवार नाराज हैं। उन्होंने आज अपने घर पर पार्टी के सभी 16 मंत्रियों की बैठक बुलाई है। इसमें राकांपा के कुछ विधायक भी शामिल होंगे। हालांकि, पार्टी ने आधिकारिक रूप से बैठक के एजेंडे को सार्वजनिक नहीं किया है। सूत्रों की मानें तो इस बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा हाल में लिए कुछ फैसलों पर चर्चा हो सकती है। दरअसल, पवार चाहते थे कि भीमा कोरेगांव मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस करे। जांच को एनआईए को सौंपने पर राज्य के गृह मंत्री और राकांपा नेता अनिल देशमुख ने भी आपत्ति जताई थी। देशमुख ने मामले की जांच राज्य की एजेंसी से करवाने की बात कही थी। उद्धव ने देशमुख की बात दरकिनार करते हुए जांच एनआईए को सौंपने का फैसला किया। इसके बाद से ही पवार और ठाकरे के बीच तनातनी जारी है। एनआईए को जांच सौंपना संविधान के मुताबिक गलत: पवार पवार ने शिवसेना के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था, ‘‘भीमा-कोरेगांव मामले में महाराष्ट्र पुलिस के कुछ अधिकारियों का व्यवहार आपत्तिजनक था। मैं चाहता था कि इन अधिकारियों के बर्ताव की भी जांच हो। जिस दिन सुबह महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की, उसी दिन शाम को 3 बजे केंद्र ने पूरे मामले को एनआईए को सौंप दिया। संविधान के मुताबिक यह गलत है, क्योंकि आपराधिक जांच राज्य के क्षेत्राधिकार में आती है।’’ पवार को डर है कि सच्चाई सामने आ जाएगी: फडणवीस रविवार को पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘‘भीमा कोरेगांव मामला एनआईए को सौंपने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को धन्यवाद देता हूं। शरद पवार इसका विरोध कर रहे थे, क्योंकि उन्हें डर था कि एनआईए की जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।’’ फडणवीस ने यह भी कहा- ‘‘मैं आपको (शिवसेना) चुनौती देता हूं कि अगर आप इतने आश्वस्त हैं तो फिर से चुनाव लड़ें। भाजपा अकेले ही कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना को हराएगी।’’