टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक से पहले पाकिस्तान का एक और झूठ सामने आया है। पाकिस्तान ने दावा किया था कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान आर्मी की कैद से गायब हो गया है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मसूद पाकिस्तान में ही है। उसे पाकिस्तानी सेना ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है। उसे बहावलपुर में जैश-ए- मोहम्मद के नए मुख्यालय ‘मर्कज उस्मान-ओ-अली’में रखा गया है। दरअसल, पाकिस्तान पिछले कुछ दिनों से एफएटीएफ को भरमाने में लगा है। 12 फरवरी को आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को सजा सुनाई गई थी। इसके महज पांच दिन बाद मसूद के लापता होने की खबर सामने आई। अगर पाकिस्तान एफटीएएफ में भी इस पर झूठ बोलता है तो भारत उसके पाकिस्तान का लोकेशन सामने रख सकता है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को बिना नाम लिए चेतावनी दी इससे पहले टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को बिना नाम लिए चेतावनी दी है। संस्था ने कहा- दुनिया के कुछ देश अब भी अवैध तरीकों से जुटाई गई रकम के जरिए आतंकी संगठनों का समर्थन कर रहे हैं। पेरिस में फिलहाल एफएटीएफ की बैठक चल रही है। इसमें पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाकर ब्लैक लिस्ट में रखे जाने पर फैसला होगा। एफएटीएफ ने सोमवार को बयान जारी कर कहा, “आतंकी फंड जुटाने के लिए कई नए तरीके अपना रहे हैं। वे सोशल मीडिया के जरिए नए फॉलोवर्स की पहचान कर रहे हैं और अपनी फंडिंग और अन्य सुविधाएं जुटाने के रास्ते बना रहे हैं। एफएटीएफ ने टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए कड़े मानक लागू किए हैं। ताकि आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे संगठनों के पैसे जुटाने पर असर पड़े। हालांकि, अब भी कई आतंकी संगठन अवैध गतिविधियों के जरिए फंड जुटाने में लगे हैं। एफएटीएफ लगातार नए पेमेंट के तरीकों की पहचान कर अवैध लेनदेन रोकने में जुटा है।”