कोरोनावायरस महामारी के बीच सऊदी अरब में इस साल हज यात्रा होगी, लेकिन नियम में बदलाव किया गया है। इस बार केवल सऊदी में रहने वाले लोग ही यात्रा कर सकेंगे। विदेशियों को इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार सीमित संख्या में ही लोगों को हज करने की अनुमति दी जाएगी। सऊदी सरकार के इस फैसले के बाद भारत 2.3 लाख जायरीनों का पूरा पैसा उनके अकाउंट में ट्रांसफर करेगा। इस साल 28 जुलाई से 2 अगस्त तक हज यात्रा होनी थी। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस बार भारत हजयात्रियों को सऊदी नहीं भेजा जाएगा। इस बार 2.3 लाख जायरीन सऊदी जाने वाले थे। उनका पूरा पैसा अकाउंट में वापस आ जाएगा।’’ हज में भारत का कोटा 2 लाख भारत से हर साल हज के लिए 2 लाख भारतीय जा सकते हैं। इससे पहले 2018 में भारत का कोटा 1.70 से बढ़ाकर 1.75 लाख किया गया था। इंडोनेशिया के बाद भारत का कोटा सबसे ज्यादा है। पिछले साल भारत से बिना सब्सिडी के रिकॉर्ड दो लाख लोगों ने हज यात्रा की थी। इस साल हज यात्रा के लिए अक्टूबर 2019 से दिसंबर तक आवेदन मांगे गए थे। हज के लिए 20 लाख लोगों के आने का अनुमान था सऊदी अधिकारियों ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के चलते यह फैसला किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अनुमान लगाया जा रहा था कि इस साल 20 लाख से ज्यादा लोग हज के लिए मक्का और मदीना आएंगे। हालांकि, महामारी को देखते हुए कहा जा रहा था कि इस साल हज पूरी तरह रद्द किया जा सकता है। पिछले साल 25 लाख लोगों ने हज यात्रा की पिछले साल करीब 25 लाख लोगों ने हज यात्रा की थी। मुस्लिम समुदाय में हज यात्रा को बहुत अहम माना जाता है। हज मामलों के मंत्री मोहम्मद सालेह बंतेन ने अप्रैल में ही कहा था कि हज यात्री टिकट बुकिंग को लेकर जल्दबाजी न करें। फरवरी में उमरा (हज जैसा ही एक आयोजन) को भी बंद कर दिया गया था। लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा सऊदी के हज मंत्रालय ने कहा कि यह फैसला बढ़ती महामारी और होने वाली भीड़ को देखते हुए किया गया है, ताकि महामारी को फैलने से रोका जा सके। जो लोग यात्रा करेंगे, उनकी पूरी सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं।