लाख सरकारी दावों और ऐलानों के बावजूद टमाटर के तेवर लगातार सख्त ही होते जा रहे हैं। आलम ये है कि खुदरा बाजार में टमाटर की कीमत सेंचुरी लगाने को तैयार है। मुंबई और दिल्ली में कई जगहों पर टमाटर 80 से लेकर 100 रुपये किलो तक बिकने लगे हैं। एक मोटे अनुमान के मुताबिक पिछले एक महीने में टमाटर के दाम 10 गुना ज्यादा हो गए हैं। इस महीने की शुरुआत में देशभर की थोक मंडियों में टमाटर करीब 2000 रुपए क्विंटल के भाव से बिक रहे थे। जो कि अब बढ़कर करीब 5 हजार रुपए क्विंटल से भी ज्यादा हो चुका है। देश की सबसे बड़ी सब्जी मंडी दिल्ली के आजादपुर में कुछ दिन पहले जो टमाटर 320 से 1,200 रुपए क्विंटल बिक रहे थे वो अब 1,400 से 4,357 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचे जा रहे हैं। टमाटर के थोक और खुदरा कारोबारियों का कहना है कि टमाटर की आवक में लगातार आ रही कमी के चलते इसके भाव बढ़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि लगातार हो रही बारिश से टमाटर की ज्यादातर फसल बरबाद हो गई है। बारिश की वजह से बेंगलुरु से आनेवाले टमाटर की आवक भी नहीं हो पा रही है। टमाटर पर बेतहाशा बढ़ती महंगाई से ग्राहक तो परेशान है हीं, कारोबारी भी हैरान हैं। हालांकि सरकार की तरफ से भरोसा दिलाया जा रहा है कि टमाटर की कीमतों पर बहुत जल्द काबू पा लिया जाएगा पर लगातार घटती आवक को देखते हुए, फिलहाल ऐसा मुमकिन नहीं लगता। टमाटर पर सबसे ज्यादा महंगाई मायानगरी मुंबई में देखने को मिल रही है। जहां कुछ हफ्तों पहले तक 40 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर अब 100 रुपए किलो तक बिकने लगा है। दिल्ली-एनसीआर में भी टमाटर के दाम 30 से बढ़कर 80 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। महानगरों की बात कौन करे अब तो इंदौर और पटना जैसे शहरों में भी एक किलो टमाटर के लिए ग्राहकों को 75 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं। इसी तरह गुवाहाटी, अहमदाबाद, हैदराबाद, रांची और भुवनेश्वर में भी टमाटर के दाम 60 से 65 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। कारोबारियों की दलील है कि टमाटर पर महंगाई की वजह मॉनसून की लेटलतीफी और इसकी कम पैदावार है। लेकिन कई मार्केट एक्सपर्ट ऐसा नहीं मानते। आंकड़े कहते हैं कि इस महीने टमाटर की आवक में करीब 16 फीसदी की कमी आई है। लेकिन थोक बाजार में इसका भाव करीब साढ़े तीन गुना से भी ज्यादा हो गया है। जाहिर है कहीं न कहीं इस बेलगाम महंगाई के लिए कालाबाजारी और गुटबंदी जिम्मेदार है।