आकाशदीप सिंह के शानदार मैदानी गोल की मदद से भारत ने आज यहां मेजबान कोरिया को 1-0 से हराकर 12 साल में पहली बार एशियाई खेलों की पुरूष हाकी स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाई। पहले दो क्वार्टर में कोई गोल नहीं होने के बाद आकाशदीप ने 44वें मिनट में भारत को 1-0 की बढ़त दिलाई जो निर्णायक साबित हुई। पिछली बार 2012 बुसान एशियाई खेलों के फाइनल में जगह बनाने वाली भारतीय पुरूष हाकी टीम अब फाइनल में गुरूवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान और मलेशिया के बीच होने वाले सेमीफाइनल की विजेता से भिड़ेगी। भारतीय टीम ने शुरूआत से ही मैच में दबदबा बनाए रखा और नियंत्रण में दिखी जबकि कोरियाई टीम भारतीय डिफेंस को छकाने में नाकाम रही। भारतीय टीम ने लगातार कोरियाई टीम पर हमले बोले जबकि विरोधी टीम ऐसा करने में नाकाम रही। भारत को गोल करने का पहला मौका पांचवें मिनट में मिला लेकिन एसवी सुनील के पास को धर्मवीर सिंह अपने कब्जे में लेने में नाकाम रहे जबकि उन्हें सिर्फ विरोधी गोलकीपर म्युंगहो ली को छकाना था। दूसरे क्वार्टर के तीसरे मिनट में भारत को लगातार दो पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन गोलकीपर ली ने वी रघुनाथ के हमलों को नाकाम कर दिया। रमनदीप सिंह और गुरविंदर सिंह चांडी ने एक बार फिर निराश किया लेकिन बीरेंद्र लाकड़ा, रघुनाथ, मनप्रीत सिंह और रूपिंदर पाल सिंह की रक्षापंक्ति ने ठोस खेल दिखाया। दायें छोर से गुरबाज सिंह ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया जबकि सुनील ने उनका अच्छा साथ निभाया। भारत को लगातार प्रयासों के बाद 44वें मिनट में सफलता मिली जब आकाशदीप ने काफी मुश्किल कोण से गोल करते हुए टीम को बढ़त दिला दी। एक गोल से पिछड़ने के बाद कोरियाई टीम ने अंतिम क्वार्टर में हमले बढ़ा दिए लेकिन भारतीय डिफेंस को भेदने में नाकाम रहे। कोरिया को मैच खत्म होने से दो मिनट पहले अपना पहला और एकमात्र पेनल्टी कार्नर भी मिला लेकिन भारतीय डिफेंस ने एक बार फिर विरोधी टीम को गोल करने से रोक दिया।