नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (SCP) प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार (22 अगस्त) को केंद्र पर जासूसी करने का आरोप लगाया। नवी मुंबई में पत्रकारों से बात करते उन्होंने कहा- हो सकता है कि मेरी इन्फॉर्मेशन निकालने के लिए मेरी सिक्योरिटी बढ़ाई गई है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं। शायद उन्हें कोई जरूरी जानकारी चाहिए। इसीलिए यह अरेजमेंट किया गया होगा। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने मुझे बताया कि मोहन भागवत और अमित शाह की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। दरअसल, केंद्र सरकार ने 21 अगस्त को महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों को देखते हुए शरद पवार को Z+ सिक्योरिटी दी थी। 10 अतिरिक्त CRPF जवान पवार की सुरक्षा में तैनात किए गए हैं। कुछ दिनों पहले राज्य में आरक्षण संबंधी प्रदर्शनों को लेकर खुफिया एजेंसियों ने उनकी सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया था। मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन की अगुआई करने वाले मनोज जरांगे पाटिल ने कई बार अनशन कर चुके हैं। मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके बाद मनोज जरांगे पाटिल समेत कई लोग दावा कर रहे हैं कि मराठा समाज मूल रूप से कुनबी जाति से है। यानी मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाता है तो आरक्षण मिलने पर उसे ओबीसी कोटे से लाभ मिल जाएगा। फिलहाल राज्य में ओबीसी कोटे से आरक्षण 19 फीसदी है। ओबीसी समुदाय के संगठनों का मानना है कि अगर इसमें मराठा समुदाय को भी शामिल किया गया तो आरक्षण का फायदा नए लोगों को मिलेगा। हमारा विरोध मराठा आरक्षण से नहीं बल्कि उन्हें ओबीसी से आरक्षण देने को लेकर है।