बृंदावन- भगवान कृष्ण की लीला स्थली बृंदावन के प्राचीनतम श्री हित रासमंडल में आज से प्रारंभ हुई श्रीमद्भगवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारम्भ श्रीमद्भगवत कथा मर्मज्ञ राष्ट्रीय संत काष्र्णि बालयोगी (ब्रह्मानन्द) जी महाराज द्वारा भव्य कलश यात्रा और यमुना पूजन के साथ किया गया। प्रातः चीर घाट स्थित प्राचीनतम श्रीहित रास मंडल से श्रीमहन्त श्रीहित लाड़िलीशरण जी महाराज एवं कथा व्यास राष्ट्रीय संत काष्र्णि बालयोगी (ब्रह्मानन्द) जी महाराज के सानिध्य में बैंड बाजों के साथ यमुना पूजन कर,भव्य कलश यात्रा निकाली गई। जो गोविंद घाट, चीर घाट व मुख्य बाजार से होते हुए श्री हित रास मंडल परिसर में पहुंचकर संपन्न हुई। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु पीत वस्त्र पहन कर व सिर पर कलश धारण कर शामिल हुई। श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ करते हुए कथा व्यास राष्ट्रीय संत काष्र्णि बालयोगी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ऐसी कथा है जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। जिसके सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र नकारात्मक प्रवृत्तियों से मुक्त होकर सकारात्मक उर्जा से सशक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होती है, जब इसे हम अपने जीवन और व्यवहार में धारण करें क्योंकि श्री श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्रा से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। इस अवसर पर श्रीमहन्त श्रीहित लाड़िलीशरण जी महाराज ने अपने अमृत वचनों के माध्यम से उपस्थित भक्तों से कहा कि श्रीमद्भगवत कथा का श्रवण करने से मानव जीवन के एक जन्म के नहीं अपितु कई जन्मों के पापों का नाश होने के साथ ही शुभ कर्मों का उदय होता है। इस कथा को सुनने मात्र से जीव जन्म और मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि नारद जी ने भक्ति देवी के कष्ट की निवृत्ति के लिए श्रीमद् भागवत कथा का साप्ताहिक अनुष्ठान किया था, जहां संतकुमारों ने श्रीमद्भागवत का प्रवचन करते हुए नारद जी के मन का संशय दूर किया था। इसी कथा को धुंधकारी प्रेत ने श्रवण किया और प्रेत योनि से मुक्ति पाकर विष्णु लोक को प्राप्त हुए। कथा व्यास ने कहा कि भगवत श्रवण से जीव के सभी पाप कर्म मिट जाते हैं। कार्यक्रम में रास मंडल के श्रीमहन्त श्रीहित लाड़िलीशरण जी महाराज, भगवताचार्य पंडित मनीष जी गर्गाचार्य, राधावल्लभ जी महराज, अतुल जिंदल, मफतलाल अग्रवाल, बिपिन अग्रवाल, कथा के मुख्य यजमान उमेश अग्रवाल, संजीव अग्रवाल, छैलबिहारी गोयल, सोनू अग्रवाल, डॉ जगदीश पाठक, प्रकेश अग्रवाल, दुर्गेश अग्रवाल, बोली सेठ, दिलीप शर्मा, बलदेव , हरिओम, मयंक गोयल, दिलीप गोयल, जगदीश अग्रवाल आदि की उपस्थिति मुख्य रही।