मथुरा। सपा सांसद रामजीलाल सुमन शनिवार दोपहर थाना जैंत क्षेत्र के गांव भरतिया पहुंचे। एक सप्ताह पूर्व क्षतिग्रस्त हुई आंबेडकर प्रतिमा का निरीक्षण किया। इसके साथ ही आरोपियों पर कार्रवाई की बात कही। साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। सरकार को दलित विरोधी बताया। थाना जैंत क्षेत्र के गांव भरतिया में नामजद युवक ने अंबेडकर प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी थी। जिसमें आरोपी के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज हुआ। आंबेडकर प्रतिमा क्षतिग्रस्त मामले में सपा सांसद रामजीलाल सुमन भी भरतिया पहुंच गए। सपा सांसद रामजीलाल सुमन थाना जैंत क्षेत्र के गॉव भरतिया में अंबेडकर की क्षतिग्रस्त प्रतिमा का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। रामजीलाल सुमन ने लोगों से घटना के बारे में जानकारी ली। पुलिस से प्रतिमा लगने का समय पूछा। वहीं उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह अपराधियों की सरकार है और इसमें आम आदमी सुरक्षित नहीं है और उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि उत्तर प्रदेश की सरकार सबसे खराब सरकार है। मै नहीं समझता कि इससे ज्यादा सही मूल्यांकन किसी भी सरकार को नापने का दूसरा हो सकता है। जहां भी डॉक्टर आंबेडकर की प्रतिमाएं टूट रही हैं, पूरे देश और समूचे उत्तर प्रदेश में एक विचार को तोड़ने का कार्य किया जा रहा है। डॉक्टर आंबेडकर महान थे। उन्होंने कमजोर वर्गों को सम्मान की जिंदगी जीने का रास्ता बताया। वो दलितों के मसीहा हैं। कुछ सामंती मनोवृत्ति के लोग प्रतिमाओं को तोड़ने का कार्य कर रहे हैं। जहां भी डॉक्टर आंबेडकर की प्रतिमाएं टूट रही हैं। वहां अपराधियों के खिलाफ जो कठोर कार्रवाई हो सकती है। वो नहीं हो रही हैं। जहां घटना होती है वहां शासन प्रशासन कठोर कार्रवाई कर दे तो उससे संदेश जाता है कि आगे कोई अपराध होगा तो उनके खिलाफ इस हद तक की कार्रवाई हो सकती है। ये अपराधियों के मनमुताबिक सरकार है। योगी की सरकार अपराधियों की सरकार है। इसमें आम आदमी सुरक्षित नहीं है। सरकार का पूरा जोर धार्मिक कार्यक्रमों पर है। जनता की जिंदगी से जुड़े मुद्दों पर सरकार का ध्यान नहीं है। हिंदू मुसलमान के नाम पर जो तनाव पैदा कर रहे हैं वो समाज और देश के दुश्मन हैं। बुलडोजर कार्रवाई पर कहा कि किसी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करनी है तो उसके लिए कानून है। कानून दण्ड देगा। बुलडोजर संस्कृति बंद होनी चाहिए। गुनाह करने वालों के लिए कोर्ट में सजा का प्रावधान है। उस प्रक्रिया का इस्तेमाल करना चाहिए।