पटना : बिहार में जद-यू के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि वह पार्टी के इस फैसले को स्वीकार करते हैं। नीतीश ने कहा कि सुशासन उनकी पहचान रही है और वह पीछे रहकर नेतृत्व नहीं करते। विधायक दल का नेता बनने के बाद नीतीश कुमार ने कहा, 'हम पीछे रहकर नेतृत्व नहीं करते हैं। हमारे पास संख्या बल है और जरूरत हुई तो वे विधायकों की परेड करा सकते हैं।' नीतीश ने कहा कि मांझी सरकार से जनता परेशान हो गई थी। उनके पास मांझी सरकार की शिकायतें आ रही थीं। बिहार में सुशासन का बुरा हाल हो गया था। जद-यू ने मांझी को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है। वहीं, मांझी समर्थक विधायक एवं मंत्रियों ने विधानसभा भंग करने के लिए माझी को अधिकृत किया है। राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री मांझी नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली आने वाले हैं। नीतीश समर्थकों ने राष्ट्रपति और राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी को इस बारे में सूचना भेज दी है। नीतीश समर्थकों ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह मुख्यमंत्री मांझी के प्रस्ताव को खारिज कर दें। मांझी के घर पर आयोजित कैबिनेट की बैठक में मांझी समर्थकों ने विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव रखा था जिसे नीतीश समर्थक मंत्रियों ने खारिज कर दिया। दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि बिहार के हालात पर पार्टी की पूरी नजर है। भाजपा पहले से ही चुनाव के पक्ष में रही है। मोदी ने पूछा कि ऐसा क्या हुआ कि मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नीतीश कुमार अब बिहार में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।