लखनऊ : उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सहकारिता महासंघ (लैकफेड) में हुए करोडों रूपये के घोटाले के मामले में लखनऊ की एक विशेष अदालत ने पूर्ववर्ती मायावती सरकार के चार मंत्रियों समेत सात आरोपियों को आज बरी कर दिया। अदालत ने इस मामले में सात अन्य आरोपियों को दोषी भी करार दिया है जिन्हें आगामी 11 फरवरी को सजा सुनायी जायेगी। विशेष न्यायाधीश लल्लू सिंह की अदालत ने लैकफेड घोटाला मामले में मायावती सरकार के मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा बादशाह सिंह रंगनाथ मिश्र तथा चन्द्रदेव राम यादव के साथ-साथ तत्कालीन बैंक प्रबंधक दीपक दवे प्रवीण कुमार सिंह तथा तत्कालीन आईएएस अधिकारी राम बोध मौर्य को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। अदालत ने इस मामले में लैकफेड के तत्कालीन महाप्रबंधक ब्रहम प्रकाश सिंह उस वक्त के प्रबंध निदेशक पंकज त्रिपाठी तत्कालीन मुख्य अभियंता गोविन्द शरण श्रीवास्तव तत्कालीन अधिशासी अभियंता डी.के. साहू तत्कालीन अभियंता संजय कुमार और अजय दोहरे एवं लेखाकर अनिल अग्रवाल को घोटाले का दोषी करार दिया है। इन लोगों को सजा आगामी 11 फरवरी को सुनायी जायेगी। गौरतलब है कि लैकफेड के तत्कालीन महाप्रबंधक प्रशासन ने मायावती सरकार के चारों मंत्रियों समेत 14 लोगों के खिलाफ लैकफेड में गबन के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की जांच विशेष अनुसंधान शाखा ने की थी।