नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) विवादित बयान दे रही है। ताजा मामले में पीडीपी के सात विधायकों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि संसद पर हमले में मौत की सजा पा चुके अफजल गुरु का शव वापस किया जाए। एक बयान जारी कर इन विधायकों ने कहा है कि अफजल को फांसी देकर न्याय का मजाक उड़ाया गया था। जिन विधायकों ने साझा बयान जारी किया है, उनमें मोहम्मद खलील, जहूर अहमद मीर, राजा मंजूर अहमद, मोहम्मद अब्बास वानी, यावर दिलावर मीर, एडवोकेट मोहम्मद यूसुफ, एजाज अहमद मीर और नूर मोहम्मद शेख शामिल हैं। इन विधायकों का कहना है कि पीडीपी पहले भी इस बात को लेकर एतराज जता चुकी है कि अफजल गुरु को 28 वें नंबर से उठाकर सीधे फांसी पर चढ़ा दिया गया। अफजल गुरु ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दाखिल की थी। उनकी फाइल का नंबर 28 था। उनसे पहले 27 और फाइलें थीं। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब पीडीपी ने अफजल गुरु का शव मांगा हो। 2001 में संसद पर हुए हमले के दोषी अफजल गुरु को फरवरी 2013 में फांसी दी गई थी। उसका शव तिहाड़ जेल में ही दफना दिया गया था। बीजेपी ने जताया एतराज बीजेपी के नेता और जम्मू-कश्मीर की नौशेरा सीट से पार्टी के विधायक रविंदर राणा ने कहा है कि ऐसे बयानों (अफजल पर पीडीपी विधायकों के) से बचना चाहिए और इससे घाटी में अशांति फैलेगी।