मुंबई : शिवसेना ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लीमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की महाराष्ट्र में मुस्लिमों के लिए आरक्षण की मांग के मुद्दे पर ओवैसी पर निशाना साधा है और कहा है कि यदि अल्पसंख्यक नेता ओवैसी अपनी मांगों को धार्मिक आधार पर पूरा करवाना चाहते हैं तो उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए और अपनी तरकीबें वहां आजमानी चाहिए। ओवैसी के भाषणों को ‘घृणित’ बताते हुए शिवसेना ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस की सरकार को उनके खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए और कानूनी कार्रवाई शुरू करनी चाहिए। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय लेख में कहा कि असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि मुस्लिमों को मराठों की तर्ज पर आरक्षण मिलना चाहिए। इस तरह की जिद के चलते पाकिस्तान का भारत से विभाजन हुआ था। हिंदू द्वेष की भावना के कारण ही मुस्लिमों ने पाकिस्तान को अपने आंचल में डाल लिया। इसलिए ओवैसी धर्म के आधार पर अपनी मांगों को उठाने और पूरा करवाने की कोशिश पाकिस्तान जाकर सकते हैं। इसमें कहा गया कि अल्पसंख्यक समुदाय को भारत का सम्मान अपनी मातृभूमि के रूप में करना होगा। ‘सामना’ में कहा गया कि उन्हें (अल्पसंख्यक समुदाय को) समान नागरिक कानून का सम्मान करना होगा और कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 को जारी रखने की मांग करनी बंद करनी होगी। धर्मांधता को जारी रखते हुए आरक्षण की मांग करना चलेगा नहीं। शिवसेना ने कहा कि ओवैसी का कहना है कि ‘मुस्लिमों ने बहुत कष्ट भोगे हैं, इसलिए मैं उनके लिए बोलता हूं’। लेकिन क्या वे उन कष्टों का हिसाब करेंगे, जो हिंदुओं ने मुस्लिम चरमपंथियों की आतंकी गतिविधियों के चलते झेले हैं? यदि चरमपंथी उनके भाषण सुनने के बाद सांप्रदायिक हिंसा और आतंकी गतिविधियां शुरू कर देते हैं, तो ओवैसी के भाषणों को घृणित करार दिया जाना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। शनिवार रात को नागपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए हैदराबाद से सांसद, 45 वर्षीय ओवैसी ने महाराष्ट्र की सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पिछड़े हुए मुस्लिमों के लिए आरक्षण की मांग की थी। महाराष्ट्र में मुस्लिमों के साथ ‘अन्याय’ का दावा करते हुए ओवैसी ने अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के पिछड़ेपन के लिए केंद्र में कांग्रेस के 50 साल के शासन और राज्य में कांग्रेस-राकांपा एवं शिवसेना-भाजपा की सरकारों पर आरोप लगाया।