उत्तर प्रदेश की अदालतों में पेशी के दौरान कैदियों पर लगातार हो रहे हमलों की घटनाओं को देखते हुए यूपी पुलिस ने अब कैदियों को बुलेटप्रूफ जैकेट पहना कर कोर्ट में पेश करने की योजना बनाई है। प्रदेश के गृह विभाग के प्रमुख सचिव ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं। एक आला पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस आदेश को जल्द से जल्द अमल में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। क्यों उठाना पड़ा ये कदम यूपी में हाल ही में ऐसे कुछ मामले सामने आए जब किसी कैदी को कोर्ट ले जाते वक्त उसके दुश्मनों ने अदालत परिसर में ही गोलियों या अन्य तरीके से मार डाला। हर बार पुलिस असहाय रही और कैदियों को नहीं बचा पाई। कोर्ट ले जाते वक्त कैदियों पर हमले की घटनाएं 1. 16 फरवरी को गैंगस्टर विक्की त्यागी की मुजफ्फरनगर में एक 17 साल के लड़के ने गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। घटना के वक्त विक्की जज के रूम के बाहर अपनी पेशी की बारी का इंतजार कर रहा था। हमलावर वकीलों की यूनिफॉर्म में आया था। 2. इस घटना के एक हफ्ते बाद 23 फरवरी को युगेंदर सिंह उर्फ भूरा को भी कोर्ट परिसर में ही गोलियों से भून दिया गया। यह घटना मुरादाबाद की है। 3. इसके पहले पिछले साल 25 सितंबर को भी एक चौंकाने वाली घटना हुई थी। तीन विचाराधीन कैदियों को कोर्ट परिसर में ही जहरीला भोजन दिया गया और उनकी मौत हो गई थी। मारे गए लोगों में पिता और उसके दो पुत्र थे। कैदियों पर खतरे का आकलन करने में जुटा पुलिस-प्रशासन पुलिस और प्रशासन मिलकर इस समस्या से निपटने की कोशिश कर रहे हैं। उन कैदियों की पहचान की जा रही है जिन्हें खतरा ज्यादा है। इनमें माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव और रामपुर के सीआरपीएफ कैंप पर हमला करने वाले आतंकी शामिल हैं। ऐसे ही कैदियों को कोर्ट में लाने के पहले और बाद में बुलेटप्रूफ जैकेट पहनाने की तैयारी की जा रही है। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि कोर्ट परिसर में कैदियों की हत्या से राज्य पुलिस की इमेज खराब हो रही है। इंटेलीजेंस नेटवर्क को ज्यादा ताकत देने की भी कोशिश की जा रही है। कोर्ट परिसर में जजों और खास कैदियों को लाने के लिए अलग गेट बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। उन पुलिसकर्मियों को आधुनिक हथियारों जैसे एके-47 रायफल से लैस किया जा रहा है जो कैदियों को कोर्ट लाते हैं। बरेली के डीएम गौरव दयाल ने माना कि कैदियों पर हमले की घटनाएं चिंता का कारण हैं और इससे निपटने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। जिले के एसपी सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि हम कोर्ट परिसर में सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा कर रहे हैं और इसमें न्यायपालिका की भी मदद ली जा रही है। गेट पर मेटल डिटेक्टर्स और मोबाइल जैमर्स लगाए जाने की भी तैयारी है। राज्य के कुख्यात अपराधी मनोज गुज्जर ने कुछ दिनों पहले कोर्ट को एक आवेदन में लिखा था कि अदालत में पेश किए जाते समय उसकी हत्या की जा सकती है।