कश्मीर में जारी अशांति के बीच केंद्र सरकार ने रविवार को अपनी प्राथमिकताओं को गिनाते हुए कहा कि हिंसा में शामिल लोगों से कोई समझौता नहीं होगा जबकि राज्य के विकास के लिए प्रयास किए जाएंगे जो पिछले 60 वर्षों से नहीं हुए। कश्मीर की स्थिति को ‘गंभीर’ बताते हुए वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कश्मीर में पथराव में शामिल लोग ‘सत्याग्रही नहीं हैं बल्कि प्रदर्शनकारी’ हैं जो पुलिस और सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं। लेकिन सीमित दृष्टिकोण वाले लोग इसे नहीं देख सकते। जम्मू शहर के बाहरी इलाके में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने वर्तमान अशांति के लिए पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि युद्ध के माध्यम से राज्य को छीनने में विफल रहने के बाद वह ‘नए तरीके से भारत की अखंडता पर हमला कर रहा है’ और 1947 में बंटवारे के बाद से ही समस्या उत्पन्न कर रहा है