बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों अभी से जुट गई है। उन्होंने शनिवार को पार्टी के संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए आरएस कुशवाहा को यूपी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी है। वहीं, मौजूदा अध्यक्ष रामअचल राजभर को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। शनिवार को मायावती ने पार्टी की रणनीति तैयार करने और संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी के सभी छोटे और बड़े पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी। - लखनऊ में मायावती के नेतृत्व में हुई राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में राजभर को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव और अरएस कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। मोदी सरकार पर किया हमला - बैठक की बाद मायावती ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार का चार साल का कार्यकाल विफल रहा है। उनकी अपनी सरकार के चार साल का कार्यकाल पूरा करने पर जश्न मनाने का अधिकार नहीं है। - मायावती ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हर काम को ऐतिहासिक बताते हैं, इसलिए मुझे लगता है कि पेट्रोल-डीजल के मूल्यों में उनकी सरकार में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है।' उन्होंने आगे कहा, '4 साल में सरकार ने गरीबों और दलितों का उत्पीड़न किया। उसके बाद भी सफल होने के दावे करती है। यह सफेद झूठ बोलने वाली सरकार है।' कौन हैं आरएस कुशवाहा - साल 2009 में रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ एक बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। बसपा सरकार में एमएलसी बनाए गए थे। कोऑर्डिनेटर रहे हैं और मौजूदा समय में प्रदेश महासचिव के पद पर थे। - माना जा रहा बाबू सिंह कुशवाहा के पार्टी छोड़ने और कुशवाहा वोटर्स को दोबारा बसपा में वापस में लाने के लिए उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। कौन हैं राम अचल राजभर - बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से महासचिव बनाए गए रामअचल राजभर जीवन बहुत ही संघर्षों से भरा रहा है। - रामअचल राजभर का जन्म अम्बेडकरनगर के एक बड़े गरीब परिवार में हुआ था। रामअचल राजभर ने राजनैतिक करियर की शुरुआत अकबरपुर ब्लाक प्रमुख चुनाव से की थी। जिसमें हार गए थे। 135 सदस्यों में से केवल 11 वोट ही उन्हें मिल पाये थे। - इसके बाद उन्होंने 1991 में वह बसपा से विधायक का चुनाव लड़े लेकिन इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन इस हार के बावजूद बसपा में रामअचल की आवाज गूंजने लगी थी। - उसके बाद 1993 में फिर वह बसपा से विधानसभा चुनाव लड़े, जिसके दम पर वह पहली बार विधानसभा पहुंचे। जिसके बाद वह 1996, 2002 और 2007 में लगातार विजयी हुए। 2007 में बसपा की सरकार बनने के बाद उन्हें परिवहन मंत्री बनाया गया। - 2017 के चुनाव में मोदी लहर के बाद भी वह कटेहरी विधानसभा चुने गए।