केंद्र में एनडीए सरकार के 4 साल पूरे होने पर नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा के कटक में विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कालेधन के खिलाफ सख्त कानून बनने से हड़कंप मचा है। घोटाले और भ्रष्टाचार में घिरे लोग खुद को बचाने के लिए मजबूरी में एक मंच पर आए। वे ऐसा देश को बचाने के लिए नहीं कर रहे हैं। इस दौरान मोदी का इशारा कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह की ओर था, जिसमें कांग्रेस समेत 13 विपक्षी दलों के नेता एक मंच पर जुटे थे। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज देश में कंफ्यूजन नहीं, कमिटमेंट वाली सरकार है और इसी से सर्जिकल स्ट्राइक जैसे फैसले होते हैं। हमारी सरकार जनपथ नहीं जनमत से चल रही है। 4 साल में लोगों में सरकार पर भरोसा पैदा हुआ - नरेंद्र मोदी ने कहा, ''एनडीए सरकार के 4 साल पूरे होने पर मुझे गरीबों के देवता भगवान जगन्नाथ की धरती पर आने का सौभाग्य मिला। कटक देश के अनेक स्वतंत्रता सेनानियों और महान शख्सियतों की जन्म और कर्मभूमि रहा है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस, उत्कल मणि का जन्म भी यहीं हुआ। ओडिशा के सभी महापुरुषों को नमन करता हूं। यह धरती विशेष है, यहां लिया संकल्प और शुरू किया अभियान कभी बेकार नहीं जाता है।'' - ''आपकी आकांक्षाएं ही मेरी ऊर्जा है। आपको देखकर मेरा भरोसा मजबूत हो जाता है। पिछले 4 सालों में देश के करोड़ों लोगों में यह भरोसा पैदा हुआ है कि हालात बदल सकते हैं। आज स्थितियां बदली हैं। देश अब कुशासन से सुशासन, कालेधन से जनधन की ओर बढ़ रहा है। ये बदलाव ही न्यू इंडिया का आधार है। लोगों को भरोसा है कि दिल्ली में बैठी सरकार देश में सबका साथ सबका विकास के साथ काम कर रही है।'' भ्रष्टाचार में घिरे लोग मजबूरी में एक मंच पर आए - मोदी ने कहा, "सरकार साफ नीयत के साथ सही विकास कर रही है। न हम कड़े फैसले लेने से डरते हैं और न ही बड़े फैसले लेने से चूकते हैं। देश में कंफ्यूजन नहीं कमिटमेंट (प्रतिबद्धता) वाली सरकार है, तभी सर्जिकल स्ट्राइक जैसे फैसले होते हैं। वन रैंक वन पेंशन और शत्रु संपत्ति जैसे कानून बनते हैं।" - "जब पारदर्शिता पर जोर दिया जाता है तो जनधन, आधार और मोबाइल की कनेक्टिविटी से 80 हजार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बच जाते हैं। हमारी नीतियों ने कट्टर दुश्मनों को भी दोस्त बना दिया। 4 साल में जांच एजेंसियों ने छापे मारकर 53 हजार करोड़ का कालाधन जब्त किया। 3500 करोड़ से ज्यादा की बेनामी संपत्ति जब्त की। बेनामी संपत्तियों को खंगाली जा रही हैं।'' - ''लोग सोचते थे कि बड़ों का कुछ होता नहीं है पर आज घोटाले में शामिल 4 पूर्व मुख्यमंत्री जेल में हैं। कालेधन के खिलाफ सख्त कानून बनाने और एसआईटी के गठन से जो हड़कंप मचा है, उसने घोटाले और भ्रष्टाचार में घिरे लोगों को एक मंच पर खड़े होने के लिए मजबूर कर दिया। ये लोग देश को बचाने के लिए नहीं, बल्कि खुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए। इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। पर जनता सब कुछ जानती है।'' एक परिवार ने 48 साल राज किया, पर देश के हालात नहीं सुधरे - मोदी ने कहा, "देश में एक परिवार ने 48 सालों तक राज किया। देखने की बात है कि कांग्रेस में सत्ता ही सब कुछ रही है। कौन भूल सकता है लाखों-करोड़ों के घोटाले की वो खबरें और दुनिया में चर्चा बनने वाले वो कारनामे। रिमोट कंट्रोल से संचालित एक प्रधानमंत्री। मंत्रियों को ईमेल पर निर्देश मिलते थे। इन लोगों ने देश की साख को कहां पहुंचा दिया था। क्या ऐसे भारत के लिए महात्मा गांधी, सरदार पटेल, आजाद, भगत सिंह ने बलिदान दिया था, नहीं।" गरीबों को हमेशा लोगों ने वोट बैंक समझा - "अगर कांग्रेस ने इसे समझा होता तो देश इस स्थिति में कभी नहीं पहुंचता। गरीब के पास कुछ नहीं था। उसे मिलने वाली बुनियादी सुविधाएं बिचौलिए खा जाते थे। देश के आधे लोगों के पास गैस कनेक्शन, बैंक खाता तक नहीं था। इस अधूरी व्यवस्था की बड़ी वजह वोट बैंक की राजनीति थी। जब हम इसकी बात करते हैं तो लोग इसे सांप्रदायिक नजरिए से देखते हैं। वे चुनाव को देखते हुए जोड़तोड़ की राजनीति करते थे। इसी आधार पर सरकारी योजनाओं का लाभ चुनिंदा लोगों को देते थे।'' - ''कभी उन्होंने नहीं सोचा कि हर गरीब के पास शौचालय, गैस, बैंक खाता हो। इस वर्ग के लिए पार्टियां चुनाव से पहले योजनाओं का पिटारा खोल देते थे। नॉर्थ-ईस्ट के बारे में कभी किसी ने नहीं सोचा। अगर 100 साल ऐसे ही चलता तो देश के गरीबों को योजनाओं का लाभ नहीं मिलता। अब अटकाने, लटकाने और भटकाने की राजनीति नहीं चलती है।" मेहनत से सब कुछ संभव है - मोदी ने कहा, "4 सालों में हमने सीखा कि मेहनत से सब कुछ संभव है। इरादे नेक हैं तो देश कठिन से कठिन वक्त में देश आपके साथ खड़ा रहता है। ओडिशा के आदिवासी इलाकों से मीडिया के जरिए देश को शर्मिंदा करने वाली तस्वीरें सामने आती हैं। केंद्र सरकार उनके लिए सब कुछ कर रही है, पर राज्य सरकार योजनाओं को शायद लागू नहीं कर पा रही है।" - "केंद्र सरकार गरीब-किसानों के साथ खड़ी है पर राज्य सरकार उन्हें गुमराह कर रही है। यहां महानदी के पानी का विवाद खड़ा किया गया है। ओडिशा सरकार ने खुद इस बात को माना है कि महानदी का आधे से ज्यादा पानी बंगाल की खाड़ी में बह जाता है। नितिन गडकरी ने चिट्ठी लिखकर कहा कि महानदी का पानी गरीबों और किसानों को मिलना चाहिए।" मोदी का तीन साल में ओडिशा का 6वां दौरा - 1 अप्रैल 2015 राउरकेला में सभा की थी। तब भारतीय इस्पात प्राधिकरण का प्लांट का उद्घाटन किया था। - 7 फरवरी 2016 पारादीप में सभा में शामिल हुए थे। इंडियन ऑयल रिफाइनरी का उद्घाटन के साथ पुरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शन और रोड शो किया था। - 21 फरवरी 2016 को किसान महासम्मेलन में शामिल होने के लिए पश्चिमी ओडिशा के बरगढ़ पहुंचे थे। - 2 जून 2016 को बालासोर में सभा की थी। - 15 अप्रैल 2017 को भाजपा की दो दिवसीय नेशनल एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक हुई थी। मोदी इसमें शामिल हुए थे।