मुंबई हमले के मुख्य आरोपी हाफिज सईद के संगठन ‘जमात-उद-दावा’ पर पाकिस्तान ने प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद हाफिज ने भारत और अन्य जगहों पर आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करने के लिए दूसरे आतंकी संगठनों के साथ हाथ मिलाया है। खुफिया जानकारी के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन जमात-उद-दावा टेरर फंडिंग और मनी लॉड्रिंग करने के लिए दूसरे आतंकी संगठनों की मदद ले रहा है। हाफिज मोहम्मद सईद को हाल ही में गुजरांवाल पुलिस ने टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। हाफिज की गिरफ्तारी और उसके संगठन पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई, पेरिस की वित्तीय निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की चेतावनी के बाद हुई। एफएटीएफ ने कहा था कि पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है। ऐसा किए जाने का मतलब यह है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में सहयोग नहीं कर रहा है। अगर पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट में शामिल हो जाता तो उसे आईएमएफ, विश्व बैंक, एडीबी, ईयू जैसी वैश्विक संस्थाओं से वित्तीय मदद मिलनी मुश्किल हो जाएगी। पाक 2018 में दूसरी बार ग्रे लिस्ट में पहुंचा एफएटीएफ ने जून 2018 में दूसरी बार पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। इससे पहले उसे 2012 में इस लिस्ट में डाला गया था। पाकिस्तान पर आरोप था कि उसने आतंकियों को वित्तीय मदद देने और मनी लॉड्रिंग करने के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल किया।