विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बीजिंग में मुलाकात की। जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच कोई भी आपसी मतभेद हो, लेकिन वह विवाद का कारण नहीं बनना चाहिए। भारत चीन के साथ कारोबार रिश्ते मजबूत करने और कल्चरल एक्सचेंज पर जोर देगा। इससे पहले जयशंकर उपराष्ट्रपति वांग किशान से उनके आवास पर मिले थे। वे चीन के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने कहा, ‘‘पिछले साल हुई बैठक में हमने कल्चरल एक्सचेंज के लिए 10 बिंदुओं पर चर्चा की थी। इस बार भी इन्हीं बिंदुओं पर बात की। हम 100 अलग-अलग गतिविधियों के जरिए इसे बढ़ावा देंगे। आने वाले कुछ महीने में म्यूजियम मैनेजमेंट, थिंक टैंक और एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस के जरिए कल्चरल एक्सचेंज पर जोर देंगे। साथ में कारोबारी रिश्तों को मजबूती देने के लिए भी नए मौकों की तलाश कर रहे हैं। हमने चिकित्सा के क्षेत्र में पारंपरिक मेडिसिन का प्रचार और अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स के लिए प्लेयर एक्सचेंज प्रोग्राम समेत 4 एमओयू साइन किए हैं।’’ वांग यी बोले- विदेश मंत्री बनने के बाद जयशंकर का पहला दौरा वांग यी ने कहा, ‘‘जयशंकर चीन में भारत के राजदूत के तौर पर कई सालों तक काम कर चुके हैं। उन्होंने सक्रिय तौर पर भारत और चीन के बीच सकारात्मक रिश्तों के लिए योगदान दिया है। यह विदेश मंत्री के तौर पर उनका पहला चीन दौरा है। मैं उनका स्वागत करता हूं। अब हमें यह भी देखना होगा कि अर्थव्यवस्था और व्यापार सहयोग के लिए किस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है। इस समय हमें निवेश, उद्योग, उत्पादन, पर्यटन, बॉर्डर व्यापार जैसे अन्य क्षेत्रों के लिए और भी ज्यादा सोचने की जरूरत है।’’ जयशंकर बोले- यहां आकर खुश हूं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी के बीच हुई शिखर वार्ता का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘वुहान शिखर सम्मेलन में वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर हमारे नेताओं के बीच आम सहमति और व्यापक हुई थी। सम्मेलन के बाद यहां आकर में बहुत खुश हूं।’’ जयशंकर 2009 से 2013 के बीच चीन में भारत के राजदूत रहे थे। चीन में यह किसी भारतीय राजदूत का सबसे लंबा कार्यकाल था।