कश्मीर की पत्रकार आरती टिक्कू सिंह ने मंगलवार को पाकिस्तान के आतंकवाद और उसके पीड़ितों की कहानी बयां की। वॉशिंगटन में अमेरिका के विदेश मामलों की एक समिति की सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि कश्मीर में पाकिस्तान 30 साल से इस्लामिक जिहाद, कट्टरवाद और आतंकवाद फैला रहा है। इसे अब तक नजरअंदाज किया गया। दक्षिण एशिया में मानवाधिकार मुद्दे पर हुई सुनवाई में आरती ने कहा, ‘‘लश्कर-ए-तैयबा ने पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या की। पाकिस्तान के इस आतंकी संगठन ने ही मुंबई हमले को अंजाम दिया। इन सबको दुनिया के बड़े पत्रकार संगठनों ने भी नजरअंदाज और अनदेखा किया। इसे अब तक की सबसे दूषित पत्रकारिता कहा जा सकता है।’’ ‘पीड़ितों का दर्द समझने वाला कोई नहीं’ आरती ने कहा, ‘‘मैं कश्मीर के जिन पीड़ितों का मुद्दा यहां उठा रही हूं, वे पाकिस्तान के आतंकी संगठनों द्वारा मारे गए। आतंकियों ने कश्मीर के जिन लोगों को मारा है, उनमें मुस्लिमों की संख्या ज्यादा है। पीड़ितों का दर्द समझने और मानवाधिकार के मुद्दों को उठाने वाला अंतरराष्ट्रीय स्तर का कोई पत्रकार या संगठन नहीं है।’’ ‘कश्मीर में शांति चाह रहे पत्रकार बुखारी की हत्या की’ उन्होंने कहा, ‘‘लश्कर ने 14 जून 2018 को श्रीनगर में पत्रकार बुखारी की उनके दफ्तर के बाहर ही गोली मारकर हत्या कर दी थी। वे पाकिस्तान की ओर से फैलाए जा रहे आतंकवाद को रोकने और मानवाधिकार की लड़ाई लड़ रहे थे। बुखारी कश्मीर में शांति चाहते थे, इसलिए उनकी हत्या की गई।’’ बुखारी राइजिंग कश्मीर के संपादक थे। पुलिस जांच में सामने आया था कि लश्कर ने ही उनकी हत्या करवाई।