केंद्र सरकार नागरिकता (संशोधन) विधेयक को फिर से संसद में पेश कर सकती है। शीतकालीन सत्र अगले महीने से शुरू हो रहा है। इसबीच, बंगाल भाजपा ने गृह मंत्री अमित शाह से मांग की है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता देने के बिल में बदलाव किया जाए। भारत में 6 साल तक रहने की शर्त हटाकर इसके स्थान पर शरणार्थियों से शपथ पत्र लिया जा सकता है। पिछले महीने असम दौरे पर अमित शाह ने कहा था कि हम सुनिश्चित करेंगे कि नागरिकता विधेयक के बावजूद सभी राज्यों के मौजूदा कानून जस के तस बने रहें। जनवरी में विधेयक लोकसभा में पारित हो गया था, लेकिन पूर्वोत्तर के राज्यों में विरोध के चलते इसे राज्यसभा में नहीं रखा गया था।