भारत ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के मंच से एक बार फिर पाकिस्तान पर निशाना साधा। यूएन में भारत के स्थायी उप प्रतिनिधि के. नागराज नायडू ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि यहां एक प्रतिनिधि है, जो जब भी बोलता है जहर ही उगलता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस्लामाबाद की सच्चाई पता है। उसे हम दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। लेकिन ऐसा करने के बजाय, वह यहां प्रतिनिधियों को भ्रमित करता है। नायडू का यह बयान पाकिस्तान के राजदूत साद अहमद वारैच के जवाब में आया, जिन्होंने अपने भाषण में फिर से कश्मीर का राग अलापा था। पाकिस्तान लगातार संयुक्त राष्ट्र के अलग-अलग मंचों से कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश में जुटा रहा। हालांकि, उसे हर बार नाकामी मिली। ‘पाकिस्तान मनगढ़ंत बातें सुनाता है’ संयुक्त राष्ट्र के विशेष सत्र में नायडू ने कहा, “पाकिस्तान अपने लड़ाकू और भड़काऊ भाषणों पर रोक लगाने के बजाय अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मनगढ़ंत कहानियां सुनाकर सच्चाई से दूर रखने की कोशिश करता है। यह बेहद आश्चर्यजनक है कि जिस देश ने अल्पसंख्यकों को पूरी तरह खत्म कर दिया है, वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की बात कर रहा है। वह हमेशा से अपनी गलतियों को छुपाने के लिए झूठ का सहारा लेता रहा है। लेकिन, पाकिस्तान को अब यह समझ लेना चाहिए कि उसकी झूठी बयानबाजी के झांसे में कोई नहीं आने वाला।” कश्मीर पर पाकिस्तान की तीसरी कोशिश भी नाकाम चीन ने 15 जनवरी को न्यूयॉर्क में बंद कमरे में हुई सुरक्षा परिषद की बैठक में तीसरी बार कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की थी। लेकिन उसकी यह कोशिश नाकाम हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, स्थायी सदस्यों समेत 10 देशों ने इसका विरोध किया था। सदस्य देशों ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे के लिए यह सही जगह नहीं है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है। इसके बाद यूएन में स्थाई प्रतिनिधि सैय्यद अकबरुद्दीन ने कहा था कि हमने एक बार फिर देखा कि पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें किसी का समर्थन नहीं मिला। हमें खुशी है कि पाकिस्तान के किसी भी बेबुनियाद आरोप को यूएन ने चर्चा करने लायक नहीं समझा।