पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हिंदू सभा की बंटवारे की राजनीति का विरोध किया था। वे हमेशा अखंड और धर्मनिरपेक्ष भारत के लिए लड़ते रहे। उनके इस विचार को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उन्हीं पर है, जो धर्मनिरपेक्षता का समर्थन करते हैं। ममता ने कहा- नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 12 मई 1940 को झारग्राम में एक जनसभा को संबोधित किया। वहां उन्होंने हिंदू महासभा की आलोचना की थी। उनके विचार आज के परिदृश्य पर सटीक बैठते हैं। नेताजी हमेशा अखंड भारत के लिए लड़े- बनर्जी बनर्जी ने मांग की कि नेताजी की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि नेताजी ने अपने संघर्ष के दौरान यह संदेश दिया था कि सभी विचारधारा का सम्मान किया जाए। उनका सबसे बड़ा योगदान यही था कि वे अखंड भारत के लिए लड़े। बोस के साथ क्या हुआ था, यह नहीं जानना शर्मनाक-मुख्यमंत्री बनर्जी ने नेताजी के अचानक लापता हो जाने के मामले को स्पष्ट न किए जाने को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- केंद्र ने केवल कुछ फाइलें सामने लाई हैं। इसके आगे कुछ नहीं हुआ। यह हम सभी के लिए शर्मनाक है कि आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी हम लोग नहीं जान पाए हैं कि आखिर उनके साथ हुआ क्या था।