2047 तक स्वच्छता का पर्याय बनेगा उत्तर प्रदेश, योगी आदित्यनाथ की सरकार बना रही रोडमैप

Published on December 5, 2025 | Views: 204

2047 तक स्वच्छता का पर्याय बनेगा उत्तर प्रदेश, योगी आदित्यनाथ की सरकार बना रही रोडमैप

उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार राज्य की आबोहवा को वर्ष भर शुद्ध रखने के लिए मास्टर प्लान पर काम कर रही है। इसके अंतर्गत वर्ष 2047 तक राज्य के सभी नगरीय क्षेत्रों में सालभर एक्यूआई ‘गुड’ श्रेणी में रखने को लेकर कार्ययोजना पर काम हो रहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि यूपी के नगरीय क्षेत्र भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप अधिक रहने योग्य, निवेश के लिए आकर्षक तथा स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित बनें। योगी सरकार मानती है कि स्वच्छ वायु, स्वच्छ सड़कें तथा हरित आवरण युक्त अवसंरचना विकास राज्य की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का आधार बनते हैं। ऐसे में, उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक स्वच्छ, स्वस्थ और पर्यावरणीय दृष्टि से उन्नत राज्य बनाने के लिए व्यापक रोडमैप पर काम हो रहा है।

एक्यूआई को सालभर ‘गुड’ श्रेणी में लाने पर खास फोकस
विजन 2047 के अंतर्गत योगी आदित्यनाथ की सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश सभी नगरीय क्षेत्रों का औसत एक्यूआई वर्ष भर ‘गुड’ श्रेणी में बना रहे। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि खराब वायु गुणवत्ता सीधे नागरिकों के श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है तथा बीमारियों का बोझ बढ़ाती है। स्वच्छ आबोहवा से स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा, अस्पतालों पर दबाव घटेगा और कार्यक्षमता बढ़ेगी। यह भी एक तथ्य है कि निवेशक उन नगरीय क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हैं जहां वायु गुणवत्ता लगातार बेहतर रहती है, इसलिए प्रदेश सरकार एक व्यापक रोडमैप के निर्माण के जरिए इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रोडमैप तैयार कर रही है, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।

डस्ट-फ्री कॉरिडोर के विकास पर जोर
प्रदूषण में सड़कों पर उड़ने वाली धूल बड़ी चुनौती बनती है। ऐसे में, सड़कों का वैश्विक मानकों अनुरूप प्रॉपर कैरियेज-वे व पेवमेंट निर्धारण के जरिए इस समस्या को दूर करने की कोशिश की जाएगी। यही कारण है कि प्रदेश सरकार शहरी सड़कों को 100 प्रतिशत स्थायी बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रमुख एवं आवासीय सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इतना ही नहीं, योजना के अनुसार हाई-ट्रैफिक कॉरिडोर पर डस्ट-फ्री मार्ग विकसित किए जाएंगे जिससे धूल के कण हवा में न फैलें। इससे न केवल वायु प्रदूषण कम होगा बल्कि धूल के कारण होने वाली दुर्घटनाएं भी घटेंगी तथा यातायात अधिक सुरक्षित होगा।

सी एंड डी कचरे के वैज्ञानिक निस्तारण पर कड़ाई
निर्माण तथा ध्वस्तीकरण कचरा जिसे सी एंड डी वेस्ट (कंस्ट्रक्शन एंड डिस्ट्रक्शन वेस्ट भी कहा जाता है) अक्सर शहरों में धूल व अव्यवस्था बढ़ाता है। इसे नियंत्रित करने के लिए योगी सरकार द्वारा नगर स्तरीय कलेक्शन और रीसाइक्लिंग नेटवर्क स्थापित किए जा रहे हैं। निर्माण स्थलों पर ऑन-साइट डस्ट कंट्रोल उपाय न केवल अनिवार्य होंगे बल्कि पर्यावरण समावेशी मानकों का भी कड़ाई से पालन करना होगा वरना जुर्माने की कार्रवाई भी हो सकेगी। यह प्रणाली न केवल धूल प्रदूषण को कम करेगी बल्कि कचरे का पुनर्चक्रण बढ़ाकर निर्माण क्षेत्र को अधिक पर्यावरण-अनुकूल बनाएगी। इससे शहरों की स्वच्छता तथा संसाधनों के संरक्षण दोनों में सुधार होगा।

33% हरित आवरण व मियावाकी वन से बढ़ेगी पर्यावरणीय सुरक्षा
योगी आदित्यनाथ की सरकार शहरी क्षेत्रों में हरित आवरण को 33 प्रतिशत तक बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। इसके तहत मियावाकी वन, ग्रीनरी बफर जोन तथा हरित पट्टियां विकसित की जाएंगी। हरित क्षेत्रों में वृद्धि से प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों का तापमान नियंत्रित रहेगा, कार्बन अवशोषण बढ़ेगा तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में सहायता मिलेगी। यह कदम शहरों को अधिक रहने योग्य और पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित बनाएगा।

स्मार्ट एयर मॉनिटरिंग नेटवर्क से मिलेगा रियल टाइम का डाटा
योगी आदित्यनाथ की सरकार पूरे प्रदेश में स्मार्ट एयर मॉनिटरिंग सेंसर लगाने की कार्ययोजना पर भी काम कर रही है, जिसके जरिए निकट भविष्य में नागरिकों को रियट टाइम में एक्यूआई की जानकारी उपलब्ध करायी जा सकेगी। इससे लोग अधिक जागरूक होंगे तथा सरकार को भी नीतिगत निर्णय लेने के लिए वैज्ञानिक डाटा की सहायता मिलेगी। यह व्यवस्था प्रदूषण नियंत्रण को अधिक प्रभावी बनाने के साथ ही जनभागीदारी बढ़ाएगी।

Category: Politics


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