एसएमएस की दुर्घटना मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख का मुआवजा

Published on October 7, 2025 | Views: 480

एसएमएस की दुर्घटना मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख का मुआवजा

प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर के ट्रॉमा सेंटर में आईसीयू में रविवार की देर रात लगी आज से 8 मरीजों की मौत हो गई इनमें तीन महिला शामिल है राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए 6 सदस्य समिति का गठन किया है समिति में विभाग की आयुक्त एक कमल खान को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है 5 सदस्यों में अस्पताल प्रशासन के अतिरिक्त निदेशक मुकेश कुमार मीणा मुख्य अभियंता चंदन सिंह मीणा पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता बिजली अजय माथुर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य डॉक्टर आरके जैन और नगर निगम के मुख्य अग्नि समन अधिकारी शामिल है
मृतकों के परिजनों ने विभागीय कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध व्यक्त किया जैसे ही गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम अस्पताल पहुंचे तो रोगियोके परिजनों का गुस्सा उबाल ले गया परिजनों का आरोप था की स्पार्किंग की सूचना स्टाफ को 20 मिनट पहले दे दी गई थी किंतु कर्मचारियों ने कोई ध्यान ही नहीं दिया परिणाम स्वरूप आठ जाने चली गई मृतकों में पिंटू सीकर दिलीप जयपुर बहादुर जयपुर दिगंबर सवाई माधोपुर सर्वेश आगरा कुसुम रुक्मणी एवं श्रीनाथ भरतपुर के निवासी हैं
आश्चर्यजनक पहलू तो यह है की प्रदेश के सबसे बड़े देशभर में विख्यात सवाई मानसिंह चिकित्सालय में आईसीयू में आग बुझाने का कोई प्रबंध नहीं था तथा आपात स्थिति में रोगियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए दूसरा दरवाजा तक नहीं था ट्रॉमा केंद्र के जिस आईसीयू में आग लगी उसका निर्माण भी नया हुआ है मृतकों के परिजनों के अनुसार जैसे ही आग लगी ड्यूटी पर लगे कंपाउंड र नर्स एवं अन्य स्टाफ सबसे पहले बाहर दौड़ते नजर आए आईसीयू में मरीज की गंभीर अवस्था होने पर एडमिट किया जाता है किंतु अचानक इस प्रकार की दुर्घटना होने पर स्वयं लाचार उनके पास बाहर निकलने का कोई चारा भी नहीं था प्राप्त जानकारी के अनुसार रात करीब 11:00 बजे आई सीयू में आग लगी उसमें 11 रोगी भर्ती थे इसी से सटे बगल के आईसीयू में 13 मरीज भर्ती थे जिन्हें आग लगने के बाद आनंन फानन में दूसरी जगह शिफ्ट किया गया घटना के बाद अस्पताल में अफरातफरी मच गई और परिजन मरीज के स्ट्रेचर समेत सड़क पर आ गएकई रोगियों के परिजन अपने-अपने रोगियों को बाहर की तरफ कंधे एवं पीठ पर लादकर जान बचाते दिखे
वैसे ही सूचना मिली मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सबसे पहले अस्पताल पहुंचाने वालों में थे इसके बाद डॉक्टर किरोडी लाल मीणा घटना स्तर पर पहुंचे तथा स्थिति पर नजर बनाए हुए थे डिप्टी सीएम 7 घंटे बाद अस्पताल पहुंच पाए घटना में मारे गए मरीज के परिजनों ने मृतकों का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया किंतु काफी समझाइस के बाद परिजन पोस्टमार्टम पर राजी हुए
सूबे के चिकित्सा मंत्री जिन पर महक में का पूरा भार है 18 घंटे बाद सोमवार को देर शाम ट्रोमा सेंटर पहुंचे कुछ दिन पहले ही प्रदेश में सरकारी अस्पतालों से मिली खांसी के सीरप को पीने से कई बच्चों की मौत पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रक्षात्मक मुद्रा में थे किंतु इस घटना के बाद स्थिति और भी जटिल हो गई है
दुख की घड़ी में सरकार परिजनों के साथ__मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल की अधीक्षक डॉक्टर सुशील भाटी एवं ट्रॉमा सेंटर के अधीक्षक डॉक्टर अनुराग धाकड को हटा दिया है तथा अस्पताल में पत्र स्थापित अधिशासी अभियंता मुकेश सिंघल को निलंबित कर दिया है अस्पताल अधीक्षक के पद की जिम्मेदारी डा जोशी एवं ट्रॉमा सेंटर के अधीक्षक का जुम्मा है बीएल यादव को सोपा गया है जबकि प्रतिपक्ष के कांग्रेसी नेताओं ने पूरी घटना की न्यायिक जांच की मांग की है
आईसीयू में ऐसे मरीजों को रखा जाता है जिन्हें 24 घंटे चिकित्सा की टीम की निगरानी और आधुनिकतम मशीनी तंत्र के सहयोग की जरूरत होती है आईसीयू में मरीज के पास उनके परिजनों को रोकने की इजाजत नहीं होती आपात स्थिति में येस्वयं तो बेड से उतरकर बचाव के लिए भाग ही नहीं सकते कुछ दूरी पर बैठे परिजन हादसे की तत्काल जानकारी मिलने पर अपने मरीज को वहां से निकलना चाहे तो जरूरी मशीन तंत्र के सहयोग बिनाशायद भी ज्यादा समय जिंदा रह पाए फिर आईसीयू के आसपास लोग क्यों जमा थे लोग क्यों जमाथे इतिहास पर नजर डालें तो 2020 से लेकर 24 तक देशभर में सौसे अधिक अस्पतालों में अग्निकांड हुए हैं सबसे भयावह हादसा 2011 में कोलकाता के अस्पताल में हुआ था जिसमें 89 लोग मारे गए थे तथा जांच के बाद पाया गया कि आग का कारण बेसमेंट में शॉर्ट सर्किट होना था गंभीरता से विचार करें तो सवाई मानसिंह चिकित्सालय जैसे अस्पताल में आग बुझाने का प्रभावी संयंत्र नहीं होना भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को इंगित करता है घटना में अपनी जान गमा चुके रोगी स्वस्थ होने भर्ती हुए थे किंतु लापरवाही से जान से हाथ धो बैठे जब तक दोषी बड़े अधिकारियों एवं अन्य कर्मचारियों पर प्रभावी दंडात्मक कार्यवाही नहीं होगी तब तक अस्पताल में भर्ती मरीज कैसे सुरक्षित कहे जा सकते हैं
हालन के मुख्यमंत्री भजनलाल ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए देने की घोषणा की है कुल मिलाकर सवाई मानसिंह चिकित्सालय में हुए इस अग्निकांड को जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के लिए मानस पटल पर अंकित किया जाएगा

Category: Rajasthan


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