.गवर्नर राम नाईक का यूपी में 3 साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है। इससे पहले उन्होंने समाचार24 से कहा, ''1993 में मुंबई में हुए बम धमाके का आरोपी दाऊद इब्राहिम जब तक जिंदा है, तब तक वो एक समस्या है।'' नाइक ने इस दौरान यूपी के लॉ एंड ऑर्डर में और सुधार की जरूरत भी बताई सवाल: यूपी का गवर्नर बनने के बाद आपने महाराष्ट्र में बयान दिया था कि उत्तर प्रदेश प्रश्न प्रदेश है। यूपी में अपने तीन साल के अपने कार्यकाल को किस रूप में देखते हैं? आप जैसा चाहते थे, क्या वैसे ही यूपी विकास के पथ पर है? जवाब: मैंने कभी नहीं कहा था कि उत्तर प्रदेश प्रश्न प्रदेश है। मेरा विश्वास जवाबदेही में है। जनप्रतिनिधि हैं तो उसकी जवाबदेही ज्यादा होती है। यूपी में तीन साल के काम से संतुष्ट हूं। अपने काम से संतुष्ट हूं। सवाल: आपको लगता है कि लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर मौजूदा सरकार कामयाब है? जवाब: लॉ एंड ऑर्डर का मामला पहले भी गंभीर था, अब भी है। फर्क सिर्फ इतना है कि उसको डील करने की जो इच्छाशक्ति चाहिए, वो सीएम योगी आदित्यनाथ अलग-अलग समय के वक्तव्य और काम से दिखाते रहे हैं। इसका परिणाम प्रशासन पर दिखाई देगा और मुझे लगता है कि सुधार आएगा। तीन महीने में कोई बहुत सुधार आया हो, ऐसा नहीं है। लेकिन इसे ठीक करने की जो दिशा है, वो सही है। मुझे लगता है कि सुधार होगा। सवाल: महाराष्ट्र भी यूपी की तरह बड़ा राज्य है। लॉ एंड ऑर्डर की चुनौतियां समान हैं। वहां लॉ एंड ऑर्डर के लिए गृह विभाग मुख्यमंत्री से अलग एक मंत्री संभालता है। आपको लगता है कि यूपी में भी एक गृहमंत्री होना चाहिए? जवाब: महाराष्ट्र की तुलना यूपी से मत करिए। मुंबई में तो आज भी रात की ड्यूटी कर महिलाएं बिना डर के घर जाती हैं। महाराष्ट्र से तो यूपी दोगुना है। किस राज्य की व्यवस्था क्या है, ये उस पर निर्भर करता है। महाराष्ट्र में गृह विभाग पहले सीएम के पास रहता था। बीजेपी-शिवसेना की सरकार में काम के बंटवारे में ऐसा हुआ है। यहां सबसे गंभीर स्थिति लॉ एंड ऑर्डर की है, इसलिए मुझे लगता है कि सीएम ने गृह विभाग अपने पास रखा है। वे योग्य हैं और ये उनका अधिकार है। ये ठीक भी है। सवाल: जब भी यूपी के विकास, औद्योगिकीकरण और बाहर से आने वाले इन्वेस्टमेंट की बात होती है तो लॉ एंड ऑर्डर का मुद्दा महत्वूपर्ण हो जाता है? जवाब: इसीलिए तो सीएम को गृह विभाग अपने पास रखना चाहिए। अखिलेश ने भी अपने पास रखा था। यूपी की स्थिति ही ऐसी है, जिसमें राज्य का लॉ एंड ऑर्डर सीएम के पास रहता है। जहां तक बाहर से आने वाले इन्वेस्टमेंट की बात है, वह तीन बातों पर निर्भर करता है। पहला लॉ एंड ऑर्डर, दूसरा बिजली और तीसरा वर्क फोर्स। तीनों का ठीक समन्वय होगा तो इंडस्ट्रीज आएंगी। सवाल: आपको लगता है कि यूपी के विकास की दिशा सही है? जवाब: यूपी सही डायरेक्शन में है, लेकिन इसका असेसमेंट 6 महीने में करना चाहिए। मैं केंद्रीय विद्युत मंत्री और यूपी के विद्युत मंत्री में समन्वय करने में भी मदद करता रहा हूं। यूपी की बिजली व्यवस्था और यहां के वर्क फोर्स को अच्छा करने की कोशिश हो रही है। सारे देश में ऐसा हो रहा है। स्किल डेवलपमेंट को प्राथमिकता देनी चाहिए। इससे यहां का वातावरण उद्योग व्यापार आने के लिए अनुकूल होगा। सवाल: चुनावों को आपराधिक तत्व प्रभावित करते रहे हैं। आपको लगता है कि अब इसमें कमी आई है? जवाब: क्रिमिनल तो अपने-अपने ढंग से कोशिश करते रहते हैं। जनता और सरकार का दायित्व है कि वोटिंग के ऐसा दबाव न बने। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। यूपी के विधानसभा चुनाव को देखें तो ये शांतिपूर्ण ढंग से हुए। इसके लिए निर्वाचन आयोग, पार्टियों और नागरिकों का अभिनंदन है।