नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में शनिवार को तीन फैक्ट्री में आग लग गई। इसमें 10 महिला समेत 17 की मौत हो गई, जबकि जान बचाने पहली मंजिल से कूदी एक महिला सहित दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं। फैक्ट्री का मालिक मनोज जैन अरेस्ट हो गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए जबकि घायलों को 1-1 लाख रुपए मुआवजा देने का एलान किया है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर घटना पर दुख जताया है। वहीं, दिल्ली सरकार ने जांच के ऑर्डर दिए हैं। 45 में से 17 शव बरामद, दो घायल, 23 अब भी लापता - पुलिस ने फैक्ट्री में मरने वालों की संख्या 17 बताई है। जबकि वहां अपनों की तलाश में आने वाले लोगों की माने तो मरने वालों की संख्या ज्यादा है। क्योंकि फैक्ट्री नई खुली थी। ऐसे में यहां काम करने बड़ी संख्या में लोग आ रहे थे। - हादसे में जान गंवाने वाली सोनी के फैमिली मेंबर्स ने बताया कि इस फैक्ट्री में करीब 45 लोग काम करते थे। सोनी ने एक दिन पहले ही अपने घर पर बताया था कि फैक्ट्री में 35 महिलाएं और करीब 10 पुरुष काम करते हैं। शनिवार को जब फैक्ट्री में आग लगी तो सभी 45 मजदूर फैक्ट्री में काम कर रहे थे। आग के बाद कोई भी मजदूर बाहर नहीं निकल पाया। - प्रशासन ने सिर्फ 17 लोगों के मरने का दावा किया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है बाकि के वे लोग जो फैक्ट्री में काम कर रहे थे वो जब बाहर नहीं आए तो उनके शव कहां गए? ऐसे में आशंका है कि मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। जो जहां था वहीं पहुंच गई मौत - हादसे से बच कर आए रूपप्रकाश ने बताया कि फैक्ट्री में तीन जगहों पर काम किया जाता था। कुछ लोग पहले फ्लोर पर थे, जबकि कुछ बेसेमेंट और कुछ ग्राउंड फ्लोर पर। पुलिस ने भी 13 डेडबॉडी पहले फ्लोर से, 3 ग्राउंड फ्लोर से और एक डेडबॉडी बेसमेंट से बरामद किया है। - रूपप्रकाश के मुताबिक, आग फैक्ट्री के मेन गेट पर रखे समान में लगी थी, जो फैक्ट्री के बाकि हिस्से में फैल गई। मेन गेट पर आग लगने के चलते कोई बाहर नहीं आ पाया और जो जहां था, वहीं जलकर उसकी मौत हो गई। हादसा कहां हुआ? - नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में हुआ। ये दिल्ली का बाहरी इलाका है और कनॉट प्लेस से करीब 35 किमी दूर है। बता दें कि आग पर करीब साढ़े तीन घंटे पर काबू पाया जा सका। फायर ब्रिगेड की करीब 12 गाड़ियों ने आग बुझाई। फायर ब्रिगेड का एक अफसर भी हादसे में जख्मी हुआ है। - रात 11 बजे तक शव ढूंढने का काम जारी था। पहली मंजिल से कूदे एक युवक के दोनों पैरों की हडि्डयां टूट गईं, जबकि महिला के कूल्हे की हडि्डयां टूट गईं। शाहबाद डेरी थाने ने मामला दर्ज किया है। ज्वलनशील पदार्थ रखने व लापरवाही से मौत होने सहित विभिन्न धाराओं में जांच शुरू की है। फैक्टरी के पास केमिकल का लाइसेंस था। आग कब लगी? - जानकारी के मुताबिक आग पटाखा, प्लास्टिक और ऑयल फैक्ट्रियों में दोपहर 3:30 बजे लगी। आग एक फैक्ट्री से दूसरी फैक्ट्री में फैलती रही। फायर ब्रिगेड सर्विस के अफसर ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी शाम 6 बजे मिली। इसके हमने फौरन 12 गाड़ियां भेजींं। आग को बुझाने में करीब साढ़े तीन घंटे लगे। - दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर जीसी मिश्रा ने कहा, ''हमें बवाना में आग लगने की 3 सूचनाएं मिली थीं। सबसे पहले सेक्टर-1 की प्लास्टिक फैक्ट्री, सेक्टर-5 में पटाखा गोदाम और सेक्टर-3 के एक तेल गोदाम में आग की खबर आई। आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है। अब तक 17 बॉडी निकाली जा चुकी हैं।''